जहरीली यमुना में छठ पूजा के अवसर पर निराशा के साथ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई

जहरीली यमुना में छठ पूजा

जहरीली यमुना में छठ पूजा

छठ पूजा के पहले दिन दिल्ली की यमुना नदी में जहरीले झाग के बीच डुबकी लगाते लोग

संवाददाता, दिल्ली क्रॉउन (8 नवंबर): छठ पूजा उत्सव के पहले दिन कई भक्तों ने जहरीले बुलबुले फोम की मोटी परत वाली यमुना नदी के पानी में पवित्र डुबकी लगाई।

प्रदूषित यमुना में एक पवित्र डुबकी छठ पूजा उत्सव की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए भक्त सोमवार सुबह राष्ट्रीय राजधानी में यमुना नदी के तट पर एकत्र हुए। वहां भक्तों ने हानिकारक झाग से ढके प्रदूषित नदी के पानी में कदम रखा। वहां भक्तों को बर्फ की तरह दिखने वाले सफेद झाग के बीच घुटने तक गहरे पानी में स्नान करते हुए देखा गया।

जहरीले गंदे यमुना के पानी में भक्तों की पवित्रता का हनन हो रहा है लेकिन उनके पास और कोई विकल्प नहीं है। इसलिए भक्तों ने यमुना नदी के जहरीले पानी में स्नान कर अपनी श्रद्धा को बरकरार रखा। राष्ट्रीय राजधानी में छठ त्योहार ने 2019 में वैश्विक सुर्खियां बटोरीं थीं, परंतु अब यमुना के जहरीले झाग के बीच में खड़े भक्तों की तस्वीरें इंटरनेट पर आईं हैं जो काफी निराशजनक है। जिसका दोष लोग सरकार को दे रहे लोगों का कहना है कि छठ पूजा को लेकर यमुना की सफाई सरकार को करवानी चाहिए थी।

इसे लेकर भाजपा और कांग्रेस सहित तमाम विपक्ष के लोग केजरीवाल सरकार पर हमला बोल रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि दिल्ली की हवा के बाद नदियां भी प्रदूषित हो गई हैं।

दरअसल  कोरोना के चलते दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) ने यमुना नदी के किनारे छठ पूजा की अनुमति नहीं दी थी, परंतु भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने तस्वीरें ट्वीट करते हुए लिखा, ‘क्या हाल कर दिया आप ने दिल्ली का, ये आज की यमुना नदी की तस्वीरें काफ़ी चिंताजनक हैं और ये तस्वीरें बयान करती हैं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने पूर्वांचलीयों की आस्था के पर्व छठ पूजा को यमुना नदी के तट पर मनाने से रोक क्यों लगाई, पोल जो खुल जाती।

दरअसल कई कारणों से यमुना नदी की सतह पर जहरीले झाग बनते हैं, जिसमें उद्योगों से डिटर्जेंट युक्त अपशिष्टों के निर्वहन के बाद फॉस्फेट की मात्रा में वृद्धि शामिल है। नदी में प्रदूषण की जांच के लिए, दिल्ली सरकार ने इस साल जून में नवीनतम (BIS) मानकों के अनुरूप साबुन और डिटर्जेंट की बिक्री, भंडारण, परिवहन और विपणन पर प्रतिबंध लगा दिया था।

बाद में सितंबर में, कुछ विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि यमुना को साफ करने के लिए नदी में औद्योगिक कचरे के प्रवाह को रोका जाना चाहिए। विशेषज्ञों ने यह भी सलाह दी कि नदी की सफाई के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रवाह को बनाए रखा जाना चाहिए।

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