भारत ने बनाई कैंसर को निस्तनाबूद करने की नई थेरेपी
स्वदेशी “NexCAR19” थेरेपी अमेरिकी “CAR-T” तकनीक से 10 गुना सस्ती
दिल्ली क्राउन ब्यूरो
नई दिल्ली: भारत में कैंसर मरीजों के लिए एक अच्छी खबर है। मुंबई-स्थित “IIT Bombay” और “टाटा मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल” द्वारा सांझा निर्मित स्वदेशी “NexCAR19” थेरेपी अमेरिकी तकनीक “CAR-T” से लगभग 10 गुना सस्ती है, और कैंसर के इलाज में काफी कारगर मानी जा रही है।
IIT Bombay में थेरेपी को औपचारिक रूप से लांच करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि यह थेरेपी कैंसर इलाज में एक मील का पत्थर साबित होगी।
मुर्मू ने कहा – “भारत की पहली जीन थेरेपी की शुरूआत कैंसर के खिलाफ हमारी लड़ाई में बड़ी सफलता है। उपचार की इस श्रृंखला का नाम “CAR-T थेरेपी” है, जो कैंसर इम्यूनोथेरेपी उपचार है। यह सुलभ और सस्ती है, इसलिए संपूर्ण मानव जाति के लिए आशा की नई किरण प्रदान करती है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह थेरेपी अनगिनत मरीजों को नवजीवन देने में सफल होगी।”
राष्ट्रपति ने आगे कहा कि CAR-T सेल थेरेपी को चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति में से एक माना जाता है। “यह कुछ समय से विकसित देशों में उपलब्ध है, लेकिन यह बेहद महंगी है और दुनिया भर के अधिकांश रोगियों की पहुंच से बाहर है। आज लॉन्च की जा रही थेरेपी दुनिया की सबसे सस्ती CAR-T सेल थेरेपी है।”
भारत की केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने “NexCAR19” थेरेपी को पिछले साल अक्टूबर में स्वीकृति प्रदान की थी। स्वीकृति से पहले करीब 64 कैंसर पीड़ितों पर इसके दो ट्रायल किये गए थे जिनके नतीजे काफी संतोष-जनक थे।
इस थेरेपी में कैंसर पीड़ितों के खून में से “T Cells” नामक पदार्थ निकाले जाते हैं, जिनको लेबोरेटरी में ट्रीट कर CAR नामक एक नया पदार्थ बनाया जाता है, जिसको फिर से कैंसर पीड़ित के शरीर में डाला जाता है। ऐसा करने से मानव शरीर में कैंसर से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है, और कैंसर को प्रभावी ढंग से ठीक किया जाता है।
भारत की यह थेरेपी बेहद सस्ती मानी जा रही है। जहाँ अमेरिका में इस थेरेपी से एक मरीज का इलाज करने में 3 करोड़ 32 लाख का खर्च आता है, वहीँ भारत में निर्मित इस थेरेपी से सिर्फ 41 लाख 40 हज़ार इलाज संभव है।