आज किस नतीजे पर पहुंचेगी घुम्मनहेड़ा महा-पंचायत ?
छावला गांव के सुमित शौकीन द्वारा विधायक गुलाब यादव पर हमले पर बुलाई गई है महा-बैठक
पंकज यादव पत्रकार
नई दिल्ली, नवंबर 25: चार दिन पहले छावला क्षेत्र के क़ुतुब विहार कॉलोनी में आम आदमी पार्टी (AAP) के कार्यालय के अंदर मटियाला से विधायक गुलाब सिंह यादव पर हुए “जानलेवा हमले” पर आज MLA के अपने गाँव घुम्मनहेड़ा में एक महा-पंचायत बुलाई गई है। अभी यह साफ़ नहीं है कि यह महा-पंचायत स्वयं गुलाब सिंह ने अपनी शक्ति-प्रदर्शन के मकसद से बुलाई है, या उसका गाँव उसकी सहानुभूति में खड़ा हो गया है।
लगातार दो बार के AAP के विधायक गुलाब सिंह गुरूवार को एक वीडियो में अपनी विधान-सभा के सभी लोगों से महा-पंचायत में इकठ्ठा होने की अपील करते हुए नज़र आये। वीडियो में गुलाब सिंह ने इस बात का ज़िक्र किया कि हमले में उनकी जान भी जा सकती थी, और पूरी विधान-सभा के लोग इस हमले को लेकर बहुत आक्रोशित हैं।
दिल्ली नगर निगम चुनाव के चलते यह महा-पंचायत क्या रूप लेती है, और किस निष्कर्ष पर पहुँचती है, यह देखना दिलचस्प होगा। महा-पंचायत से ठीक पहले निम्न सवाल भी उठने लाज़मी हैं –
महा-पंचायत में कुल कितने लोग जुटते हैं ? अगर महा-पंचायत गुलाब सिंह का साथ देने का निर्णय लेती है तो विधायक पर हुए हमले को ले कर दोषियों पर किस तरह की कार्यवाही की मांग उठती है ? क्या यह महा-पंचायत गुलाब सिंह का राजनितिक भविष्य तय करेगी ? क्या हमले के बाद महा-पंचायत क्षेत्र में जातीय द्वेष के बढ़ने की आशंका को सम्बोधित करेगी ? क्या महा-पंचायत राजधानी में चल रहे निगम चुनावों पर किसी पार्टी विशेष का साथ देने, या विरोध करने, पर विचार करेगी ?
हमले की अगली सुबह, यानी मंगलवार (नवंबर 22) को, गुलाब सिंह ने अपने गॉंव घुमन्हेड़ा में छावला वार्ड से AAP प्रत्याशी जीता नम्बरदार के समर्थन में एक सभा में बोलते हुए कहा था कि सुमित शौकीन उनके छोटे भाई की तरह है, लेकिन भाजपा के बहकावे में आकर उसने ऐसा कदम उठाया। विधायक ने यह भी कहा कि उनको सुमित शौकीन के गांव छावला से कोई शिकायत नहीं है, और वह नहीं चाहते कि क्षेत्र में जातीय तनाव बढे।
सोमवार (नवंबर 21) को शाम करीब सात बजे जैसे ही गुलाब सिंह ने अपनी विधान-सभा क्षेत्र में स्थित क़ुतुब विहार कार्यालय में एक बैठक को आरम्भ किया, वहां विरोध के स्वर गूंजने लगे। सूत्रों के अनुसार चुनावी सभा नंगली सकरावती से AAP उम्मीदवार गीतू शौकीन के समर्थन में आयोजित की गई थी। सुमित शौकीन और उसकी पत्नी ज्योति शौकीन भी उस सभा में मौजूद थे। जो वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुए उनमे साफ़ देखा जा सकता है कि सुमित शौकीन ने गुलाब सिंह के साथ रखी कुर्सी पर चढ़ कर विधायक का जोर-जोर से विरोध शुरू किया।
वीडियो में सुमित शौकीन कहता हुआ सुनाई दे रहा है कि गुलाब सिंह ने ही उसकी छावला वार्ड से टिकट कटवाने में अहम् भूमिका निभाई।
बता दें कि 2017 के निगम चुनाव में गुलाब सिंह ने ही सुमित शौकीन को तत्कालीन छावला वार्ड से AAP की टिकट दिलाई थी, लेकिन सुमित चुनाव हार गया था। चुनाव हारने के बाद भी दोनों के बीच गहरे सम्बन्ध बने रहे।
हादसे के वीडियो में सुमित को यह भी कहते हुए देखा गया कि 2017 में भी टिकट लेने के लिए उसने “बैग भर कर रूपए गुलाब सिंह को दिए थे”। उसने यह भी कहा कि छह महीने पहले भी अपनी पत्नी को टिकट पाने के लिए उसने गुलाब सिंह को एक करोड़ रूपए दिए थे, जिसमें से पांच लाख रूपए अभी भी गुलाब सिंह पर बकाया हैं।
पार्टी कार्यालय में जब सुमित शौकीन टिकट न मिलने पर अपने गुस्से का इज़हार कर रहा था उसी वक्त उसकी पत्नी ज्योति शौकीन ने गुलाब सिंह को थप्पड़ मारने शुरू कर दिए, और तुरंत ही वहां मजूद अन्य लोग भी विधायक पर टूट पड़े।
बड़ी मुश्किल से गुलाब सिंह वहां से अपने आप को बचाते हुए भागे, लेकिन लोग भद्दी-भद्दी गालियां देते हुए उनका पीछा करते नज़र आये। वायरल हुए वीडियो में विधायक के पीछे भागते हुए लोगों में काला सूट पहने ज्योति शौकीन भी भागती हुई दिखाई दी।
सूत्रों के अनुसार, गुलाब सिंह अपनी जान बचाने के लिए एक मकान में घुस गए और एक कमरे में अपने आप को बन्द कर लिया। पुलिस के घटना स्थल पर पहुँचने तक उस मकान के सामने ड्रामा चलता रहा।
सूत्रों के अनुसार पिछले आठ सालों से गुलाब सिंह और सुमित शौकीन कि दांत-काटी-रोटी थी। दोनों के घरेलु तालुकात थे और पैसों की बड़ी रकमों का आपस में लेन-देन भी था।
छावला गांव के लोगों की माने तो सुमित शौकीन ही पूरे गांव में गुलाब सिंह का सबसे ख़ास आदमी था।
जैसे ही गुलाब सिंह पर हुए हमले कि खबर फैली, स्थानीय लोग जातीय तौर पर बटते नज़र आये। एक वायरल हुए वीडियो में नानकहेड़ी गांव के लोग गुलाब सिंह के पिटने की ख़ुशी में ग़ज़्ज़क और मट्ठी बाँटते हुए देखे गए।
वहीँ दूसरी तरफ गुलाब सिंह के (यादव) समाज के लोगों में गुस्सा साफ़ देखा गया और हमले का बदला लेने की बात करते नज़र आये। सोशल मीडिया के ग्रुप्स में जातीय तौर पर सौहार्द बिगड़ता हुआ दिखाई दिया।
इस दौरान गुलाब सिंह की दूसरी पारी (विधायकी) की समीक्षा होनी भी बाकी है। 2020 में दूसरी बार चुनाव जीतने के बाद से मटियाला विधान सभा में रहने वाले लोगों में एक आम शिकायत रही है कि विधायक अपने क्षेत्र में कम और गुजरात में ज्यादा पाए जाते हैं। लोगों का यह भी कहना है कि विधायक से फ़ोन पर संपर्क करना भी दुर्लभ हो गया है। दूसरी तरफ, गुजरात में गुलाब सिंह से जुडी योन-शोषण की खबरें भी सोशल मीडिया पर आम देखी जा सकती हैं। हालांकि ऐसी किसी खबर, या आरोप, की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है।
इस सब के चलते आज की घुमन्हेड़ा महा-पंचायत पर इलाके के लोगों की नज़र रहेगी। और, महा-पंचायत किस निष्कर्ष पर पहुँचती है, यह भी जानने की उत्सुकता लोगों में रहेगी।
(पंकज यादव वरिष्ठ पत्रकार हैं। पिछले ढाई दशकों से अंतर–राष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसियों में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।)