मैरिटल रेप पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि हर विवाह हिंसक और प्रत्येक पुरुष दुष्कर्मी नहीं हो सकता

नई दिल्ली, 2 फरवरी (दिल्ली क्राउन): दिल्ली हाईकोर्ट में मैरिटल रेप अभी काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। मैरिटल रेप को अपराध के दायरे में शामिल किए जाने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। ये सुनवाई कई सारी संगठनों की ओर से दाखिल की गई याचिकाओं पर हो रही है। मैरिटल रेप या वैवाहिक बलात्कार भारत में अपराध नहीं माने जाते हैं। अगर कोई पति अपनी पत्नी से उसकी सहमति के बगैर शारीरिक संबंध बनाता है तो ये मैरिटल रेप कहा जाता है लेकिन इसके लिए कोई सजा का प्रावधान नहीं है।
2017 में भी मैरिटल रेप को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी, तब केंद्र सरकार ने कहा था, ‘मैरिटल रेप को अपराध करार नहीं दिया जा सकता है और अगर ऐसा होता है तो इससे शादी जैसी रिवाजों की पवित्रता पर दाग लग जायेगा। ये तर्क भी दिया गया कि ये पतियों को सताने के लिए आसान हथियार हो सकता है।
दिल्ली हाईकोर्ट में चल रहे मैरिटल रेप की सुनवाई में सभी राजनीतिक पार्टी अपने अपने पक्ष रख कर एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। वहीं आज राज्यसभा में महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति इरानी ने कहा कि देश में सभी के लिए महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा प्राथमिकता है, लेकिन हर वैवाहिक रिश्ते को हिंसक और प्रत्येक पुरुष को दुष्कर्मी बताकर निंदा करना भी उचित नहीं है।
वैवाहिक दुष्कर्म पर भाकपा नेता बिनय विश्वम के पूरक प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय मंत्री ने उक्त बातें कहीं। भाकपा नेता ने यह जानना चाहा था कि क्या सरकार ने घरेलू हिंसा पर घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा तीन और दुष्कर्म पर आइपीसी की धारा 375 पर संज्ञान लिया है।
इरानी ने कहा, ‘मैं कहना चाहती हूं कि इस देश में प्रत्येक विवाह को हिंसक विवाह के रूप में निंदा करना, और प्रत्येक व्यक्ति को दुष्कर्मी के रूप में निंदा करना इस सम्मानित सदन में उचित नहीं है।’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वरिष्ठ सदस्य यह जानते हैं कि राज्यसभा में प्रक्रिया के नियम 47 के तहत न्यायालय के विचाराधीन मामलों में पर चर्चा की मनाही है।उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों के सहयोग से केंद्र सरकार का प्रयास देश में महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करना है। देशभर में इस समय 30 हेल्पलाइन संचालित हैं जिससे 66 लाख से अधिक महिलाओं को सहायता मिली है। इसके अलावा देश में 703 ‘वन स्टाप सेंटर’ भी काम कर रहे हैं जहां से अब तक पांच लाख से ज्यादा महिलाओं को सहायता मिली है।
विश्वम ने कहा कि उनका कभी भी यह मतलब नहीं था कि हर पुरुष दुष्कर्मी है। साथ ही उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या सरकार इस मसले पर आंकड़े एकत्रित कर संसद में जल्द से जल्द रखेगी?