दो मंगलवार और दो पुलिस अफसरों की आत्महत्या, दहला हरियाणा

दो मंगलवार और दो पुलिस अफसरों की आत्महत्या, दहला हरियाणा

दो मंगलवार और दो पुलिस अफसरों की आत्महत्या, दहला हरियाणा

क्या कभी हरियाणा पुलिस का असली चेहरा आएगा सामने ?

दिल्ली क्राउन ब्यूरो
गुरुग्राम: लगातार दो मंगलवारों को हरियाणा में हुई दो पुलिस अफसरों की आत्महत्या राज्य की पुलिस पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह लगाती हैं, और साथ ही साथ “भर्ष्टाचार में लिप्त” हरियाणा पुलिस की साख पर भी बट्टा लगाती हैं।

गौरतलब है कि दोनों आत्महत्याएं रोहतक जिले में हुईं। रोहतक को हरियाणा की “राजनीतिक राजधानी” माना जाता है। इसके अलावा, हाल के कुछ वर्षों में कुछ खुनी संघर्ष व जातिवादी उन्माद की घटनाएं भी रोहतक में हुई।

हरियाणा पुलिस की पहचान
पूरे देश में हरियाणा पुलिस को एक बेहद “क्रूर व भ्रष्ट पुलिस फाॅर्स” के रूप में जाना जाता है। अक्सर सुनने में आता है कि थाने में हरियाणा पुलिस आरोपियों का “गां_ का गुड़गाम्मा” बना देती है ! यहाँ की पुलिस को और भी तरह-तरह की कहावतों से नवाजा जाता रहा है !!

थाने में आरोपियों से बदतमीजी, बेकसूरों से रिश्वत ऐठना, गैंगस्टरों से गुपचुप रिश्ते रखना, जैसे कारनामे हरियाणा पुलिस के कर्मियों के लिए एक आम बात है। हरियाणा पुलिस के कर्मियों की शैक्षणिक व पेशेवर योग्यता, और उनकी कानूनी जानकारी में हमेशा से ही अभाव रहा है। इसी लिए किसी भी फौजदारी कोर्ट में हरियाणा पुलिस कर्मचारियों की धज्जियाँ उड़ती अक्सर देखी जा सकती हैं।

रोहतक जिले से गुरुग्राम आई ASI लक्ष्मी की बेहद शर्मनाक कर्तूत

हरियाणा पुलिस में महिला-पुलिस-कर्मियों भी पीछे नहीं हैं। हाल ही में रोहतक जिले की रहने वाली और गरूग्राम जिले के न्यू-कॉलोनी थाने में कार्यरत ASI लक्ष्मी पर आरोप लगा था की उसने अपने से उम्र में बड़े एक वरिष्ठ वकील को (न्यू-कॉलोनी) थाने में बुला कर सरेआम माँ-बहन की गन्दी-गन्दी गालिया बकि, और फिर अस पर झूठे आरोप भी लगा कर एक झौठा केस भी बना दिया। हैरानी की बात तो ये थी कि जिस मामले में उक्त वरिष्ठ वकील को न्यू-कॉलोनी थाने बुलाया गया था उसमे वह खुद शिकायतकर्ता था !

ख़बरों की माने तो वरिष्ठ वकील ने खुद 112 नंबर पर फ़ोन कर पुलिस से मदद मांगी थी। लेकिन उल्टा उस पर ASI लक्ष्मी द्वारा झूठी कार्यवाही कर दी गई। जब वरिष्ठ वकील ने इसकी शिकायत स्थानीय पुलिस कमिश्नर व अन्य अफसरों को की, तो जांच का जिम्मा ACP कुलदीप कुमार (HCS) को सौंपा गया।

ACP कुलदीप कुमार ने थाने की CCTV फुटेज बिना देखे आनन-फानन में ASI लक्ष्मी को क्लीन चिट दे दी, और वरिष्ठ वकील को कसूरवार साबित कर दिया। यह मामला फिलहाल “राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)” के समक्ष है। गुरुग्राम पुलिस की गलत कार्यवाही से परेशान वरिष्ठ वकील साहब स्थानीय पुलिस के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की भी तैयारी में बताये जाते हैं।

शिकायत-कर्त्ता को झूठा साबित करने और दूसरे पक्ष से रिश्वत लेने के बाद “उल्टी कार्यवाही” करना हरियाणा पुलिस की मानो आदत सी बन गई है। गुरुग्राम के पलड़ा गॉव के एक निवासी ने बताया – “कुछ दिन पहले मैंने 112 नंबर पर फ़ोन कर एक व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज़ करवाई थी। मुझे और दुसरे पक्ष को बादशाहपुर थाने में बुलाया गया। थोड़ी ही देर बाद थाने में मौजूद पुलिस कर्मियों का मेरी तरफ ही रुख कड़क हो गया। मुझे थाने में प्रताड़ित किया गया और दूसरे पक्ष को छोड़ दिया गया। मुझे बाद में ज्ञात हुआ की दूसरे पक्ष ने एक मोटी रकम थाने के पुलिसवालों को दी थी।”

IPS वाई पूर्ण कुमार व ASI संदीप लाठर की आत्महत्या के मामले

अभी IPS वाई पूर्ण कुमार की मृत-देह का पोस्ट-मोर्टेम भी नहीं हुआ था, कि 14 अक्टूबर को संदीप लाठर की आत्महत्या का हादसा सामने आ गया। वाई पूर्ण कुमार ने तो सुसाइड-नोट में अपने ऊपर हुए जाती-सम्बंधित उत्पीड़न के मामले उठाये थे और वरिष्ठ पुलिस अफसरों पर कोई एक्शन ना लेने के आरोप लगाए थे, जबकि ASI संदीप लाठर ने एक वीडियो में हरियाणा पुलिस के अंदर व्याप्त भ्रष्टाचार की कलई खोल कर रख दी।

उसने आरोप लगाए कि वाई पूर्ण कुमार एक “जातिवादी अफसर” था, और अन्य कई अफसरों के नाम बगैर लिए कहा कि हत्या जैसे संगीन मामलों में वरिष्ठ पुलिस अफसरों द्वारा गैंगस्टरों से “नाम निकालने” के ऐवज में रिश्वत लेना एक आम बात है। संदीप लाठर ने कुछ ऐसे मामलों का ज़िक्र भी अपने वीडियो में किया।

बताते चलें की संदीप लाठर IPS वाई पूर्ण कुमार के गनमैन सुशिल कुमार पर हुए एक “जबरन वसूली” मामले की जांच में बतौर IO नियुक्त हुआ था। IPS वाई पूर्ण कुमार की आत्महत्या में नियुक्त हुई SIT की टीम ने दो दिन पहले ही संदीप लाठर से पूछ-ताछ की थी। अपने सुसाइड नोट में IPS वाई पूर्ण कुमार ने आरोप लगाया था कि उनके गनमैन का एक झूठा वीडियो बना कर उन पर “जबरन वसूली” का केस बनाने की तैयारी रोहतक पुलिस द्वारा पूरी की जा चुकी थी। इसके उपरान्त अपनी इज़्ज़त बचाने की कायली में IPS वाई पूर्ण कुमार ने अपनी जावन लीला ही समाप्त कर दी।

अगर मान भी लिया जाए कि दोनों पुलिस वालों के सुसाइड-नोट और उसमे लिखा हुआ सब सच है, तो भी आत्महत्या जैसा भयानक कदम उठाना किसी की भी समझ से बाहर की बात है। आखिर कोई भी सिर्फ इल्जाम लगने के डर से आत्महत्या जैसा कदम कैसे उठा सकता है।

दोनों सनसनी आत्म-हत्याओं के बाद ऐसा माना जा रहा है कि कुछ ऐसे राज़ छिपे हुए हैं जिनके ऊपर से पर्दा उठना चाहिए। पर्दा कब उठेगा, इसी के इंतज़ार में हरियाणा में आम लोग, अफसरशाह, सरकारी तंत्र, व बौद्धिक लोग टकटकी लगाए देख रहे हैं।

वैसे सुनने में यह भी आ रहा है कि ये दो आत्म-हत्याएं प्रदेश में एक “जातिवाद संघर्ष का रूप” भी ले सकती हैं। जिन जातियों से ये दोनों पुलिस अफसर आते थे, उनके बीच बीते कुछ सालों में तनावपूर्ण सम्बन्ध रहे हैं। माहौल ना बिगड़े, इसका ख्याल रखना मौजूदा हरियाणा सरकार की जिम्मेदारी है।

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