घुमन्हेड़ा ग्राम-वासियों ने SHO छावला पर भू-माफिया से घूस खाने का लगाया आरोप
बोले कोर्ट में पेश होता रहा SHO, लेकिन केस के बारे में उनको बताया तक नहीं
दिल्ली क्राउन ब्यूरो
नई दिल्ली: दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली और दिल्ली-पुलिस के द्वारका डिस्ट्रिक्ट में लगते हुए गांव घुमन्हेड़ा के बाशिंदों ने SHO छावला पंकज कुमार पर आरोप लगाया है कि उसने एक ज़मीनी विवाद के चलते भू-माफिया से घूस खा कर अपना उल्लू सीधा कर लिया, और जो लोग भू-माफिया के खिलाफ तीन साल से लगातार लड़ाई लड़ते आ रहे हैं उनसे अपना पल्ला झाड़ लिया।
ग्राम-वासियों ने SHO छावला पंकज कुमार का तबादला करने की भी मांग की है।
घुमन्हेड़ा ग्राम-वासियों ने “दिल्ली क्राउन” को बताया कि पिछ्ले तीन-चार साल से उनके गाँव में एक ज़मीनी विवाद चल रहा है, जिसमे भू-माफिया करीब 1500 गज सरकारी ज़मीन हड़पने की फिराक में है।
ग्रामवासियों ने अनेक बार 112 नंबर पर फ़ोन कर पुलिस PCR को कॉम्पलैट की, पुलिस मौके पर आई भी और भू-माफिया के खिलाफ कार्यवाही करने का ड्रामा भी किया। “लेकिन आखिरकार SHO छावला पंकज कुमार ने भू-माफिया से पैसे खा कर उनकी मदद ही की”।
ज़मीनी विवाद लगभग चार वर्ष पूर्व शुरू हुआ जब एक प्लाट (खसरा नंबर 179) के मालिक देवेंदर यादव ने साथ में लगती हुई ग्राम-सभा की ज़मीन (लगभग 1500 गज़) को भी अपनी चार दीवारी के अंदर लेने की कोशिश की।
देवेंदर यादव द्वारा सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा करते देख सामने के घर में रहने वाले एक शक्श, जिसका नाम कमल यादव है, ने पुलिस PCR को रिपोर्ट दर्ज़ करवा दी। पुलिस आई और काम रोक दिया गया। गॉव वाले बताते हैं कि इसके पश्चात देवेंदर यादव और उसके साथियों ने कमल यादव के घर में घुस कर उसकी पिटाई कर डाली।
इसके उपरांत जब भी देवेंदर यादव ने सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा करने की कोशिश की, तभी कमल यादव व अन्य ग्रामवासियों ने पुलिस PCR पर रिपोर्ट की और काम को रुकवा दिया। इस प्रकरण के दौरान SHO छावला पंकज कुमार भी कई बार मौके पर आया और भू-माफिया को जिप्सी में बैठा कर थाने भी ले गया।
एक ग्रामवासी ने “दिल्ली क्राउन” को बताया कि, “हार कर भू-माफिया से जुड़े लोगों ने द्वारका कोर्ट में एक अर्ज़ी लगा दी और ये झूठी गुहार की कि उनको अपनी ज़मीन पर चार दीवारी करने से पुलिस द्वारा रोका जा रहा है। भू-माफिया ने इस दीवानी मुक़दमे में दिल्ली पुलिस कमिश्नर, SHO छावला और दिल्ली सरकार को प्रतिवाद बनाया। पहली ही तारीख पर द्वारका कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नरऔर दिल्ली सरकार के नाम डिलीट कर, सिर्फ SHO छावला को ही प्रतिवादी रखा। दो साल तक मुकदमा चलता रहा और SHO छावला तारिख भुगता रहा, लेकिन उसने शिकायतकर्ता ग्राम-वासियों को इस कोर्ट केस के बारे में कभी नहीं बताया। अगर बता दिया होता हो हम ग्रामवासी भी इस केस में प्रतिवादी बनते और कोर्ट को सही जानकारी प्रदान करते। साफ़ है कि SHO छावला ने पैसे खा कर भू-माफिया का साथ दिया। हम मांग करते हैं कि SHO छावला पंकज कुमार को तुरंत ससपेंड किया जाए या उसका तबादला किया जाए।”
9 दिसंबर को द्वारका कोर्ट ने अंतरिम-आदेश जारी कर दिया कि पुलिस सुरक्षा में वादी को अपनी ज़मीन पर चार दीवारी करने दी जाए। उक्त ग्रामवासी ने आगे बताया, “जब कोर्ट का अंतरिम फैसला आ गया, तब जाकर हमें इस केस के बारे में मालूम हुआ।”
कोर्ट ने अगली तारिख 15 जनवरी मुकर्रर की है।
इस बीच एक अन्य ग्रामवासी, नाम प्रवीण यादव, ने द्वारका कोर्ट में अर्ज़ी लगाई कि उसको इसी दीवानी मुक़दमे में एक प्रतिवादी बनाया जाए। कोर्ट में अर्ज़ी मंज़ूर हो गई है और अंतरिम तारिख 18 दिसंबर मुकर्रर की है।
प्रवीण यादव को स्थानीय विधायक गुलाब सिंह यादव का चचेरा भाई बताया जा रहा है।
कुछ अन्य ग्रामवासी भी, जो कि पूर्व में पुलिस शिकायतकर्ता थे, इसी कोर्ट में एक अन्य अर्ज़ी लगाने की तैयारी में हैं।
“दिल्ली क्राउन” ने जब SHO छावला से पूछताछ की, तो अपनी सफाई उसने कहा, “ग्रामवासी आरोप लगा सकते हैं लेकिन मेरे द्वारा पैसे खाने का कोई मतलब नहीं है। मैंने तो सिर्फ कोर्ट के अंतरिम फैसले की कंप्लायंस करवाई है।”