प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया का वकील इमरान अली करता रहा कोर्ट को गुमराह, और Adv. रविंदर यादव जीता ले गए वरिष्ठ पत्रकार को
पटियाला हाउस कोर्ट ने क्लब को दिया आदेश पत्रकार की सदस्यता तुरंत प्रभाव से बहाल करो
दिल्ली क्राउन ब्यूरो
नई दिल्ली: दिल्ली-स्थित “प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया (PCI)” से नौ साल की लम्बी लड़ाई लड़ने के बाद दिल्ली में वरिष्ठ पत्रकार पंकज यादव को एक बड़ी राहत मिली है। पटियाला हाउस की एक कोर्ट ने क्लब को आदेश देते हुए कहा है कि वरिष्ठ पत्रकार का क्लब से निष्काशन गैर कानूनी था, तथा उनकी सदस्य्ता तुरंत प्रभाव से बहाल की जाए।
आदेश में कोर्ट ने माना कि प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया के तत्कालनीन सेक्रेटरी जनरल नदीम काज़मी ने गलत तरीके से यादव को क्लब से निष्काषित किया था। कोर्ट ने अपने आदेश में इस बात का संज्ञान लिया कि कोर्ट केस के चलते प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया के वकील इमरान अली ने गलत हथकंडो का सहारा लिया।
ज्ञात हुआ कि वकील इमरान अली ने मैनेजिंग समिति की मीटिंग के मिनट्स बदलवा कर झूठे मिनट्स कोर्ट में पेश किये थे, और करीब दस पत्रिकाओं के झूठे हलफनामे भी कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किये थे। इस कोर्ट केस के दौरान वकील इमरान अली पर एक महिला जज से दुर्व्यवहार करने का आरोप भी लगा था।
“दिल्ली क्राउन“ ने वरिष्ठ पत्रकार पंकज यादव से कोर्ट के फैसले के बारे में बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कोई भी प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया।
नौ साल से उनका केस लड़ रहे वरिष्ठ वकील (सर्वोच्च न्यायलय) रविंद्र यादव ने बताया कि, “यह जीत सच्चाई की जीत है। कोर्ट ने प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया के एक गलत फैसले पर गलत होने की मोहर लगा दी। तत्कालीन सेक्रेटरी जनरल नदीम आज़मी ने गलत और मनमाने तरीके से पंकज यादव का निष्काशन किया था। इसी बात को हमने कोर्ट के सामने सफलतापूर्वक सिद्ध किया।”
वकील रविंदर यादव सर्वोच्च व्यायलय में “एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड” हैं, और दिल्ली में पिछले २3 वर्षों से वकालत कर रहे हैं।
प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया की हार के लिए वकील इमरान अली को सीधे तौर पर जिम्मेदार मानते हुए एक वरिष्ठ पत्रकार ने “दिल्ली क्राउन” को बताया – “इमरान अली एक धोखेबाज़ और जालसाज व्यक्ति है। वह हमेशा क्लब को गलत राय ही देता है। बहुत ही शर्म की बात है कि प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया जैसी बड़ी संस्था से एक ऐसे घटिया शक्श को अपना वकील रखा हुआ है जो झूठे मिनट्स और झूठे हलफनामे कोर्ट के सामने पेश कर देता है। महिला जज के साथ बदतमीजी करता है। यादव के केस में साफ़ तौर पर प्रतीत होता है कि इमरान अली प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया की तौहीन ही करवाई। और, ऐसा उसने पहली बार नहीं किया है। इस से पहले भी वकील इमरान अली की वजह से क्लब को कोर्ट में हार का सामना करना पड़ा है।”
सूत्रों के अनुसार, प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया से वरिष्ठ पत्रकारों का निष्कासन कोई नई बात नहीं है। जो भी कोई पत्रकार क्लब की मैनेजिंग समिति से सवाल पूछता है, या घोटालों का पर्दाफाश करता है, उसको बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है।
एक प्रतिष्ठित अखबार “द हिन्दू” से सेवानिवृत हुए वरिष्ठ पत्रकार निर्निमेष कुमार एक जीता जागता उदहारण है। निर्निमेष कुमार ने भी अपनी सदस्य्ता बहाली के लिए कोर्ट केस किया हुआ है। ऐसे कई और केस अंतिम चरण में हैं जिनका फैसला कभी भी आ सकता है।