भारत से ब्रह्मोस मिसाइल ख़रीदेगा फिलीपींस
2780 करोड़ रुपए में हुई डील
नई दिल्ली, 15 जनवरी (दिल्ली क्राउन): भारत के ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड से फिलीपींस ने एक कॉन्ट्रैक्ट किया है, जिसके तहत फिलिपींस भारत से ब्रह्मोस एंटीशिप क्रूज मिसाइल 375 मिलियन डॉलर यानी 2 हजार 780 करोड़ में खरीदेगा। इससे दक्षिणी चीन सागर में अपना वर्चस्व दिखा रहे चीन को बड़ा झटका लगा है। ऐसा माना जा रहा है कि चीन के आक्रामक रवैये को झेल रहे फिलीपींस ने भारत के साथ यह सौदा करके एक अहम फैसला लिया है।
भारत रूस द्वारा संयुक्त रूप से बनाई गई ब्रह्मोस मिसाइल पर भरोसा करते हुए फिलीपींस के राष्ट्रीय रक्षा विभाग ने इसकी जानकारी साझा की है। बता दें कि तीन दिन पहले भारतीय नौसेनाऔर डीआरडीओ ने ब्राम्होस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का आईएनएस विशाखापट्टनम से सफल परीक्षण किया था। भारतीय नौसेना के मुताबिक इस मिसाइल का परीक्षण पश्चिमी तट के पास समुद्र में किया गया। ब्रह्मोस मिसाइल के समुद्र से समुद्र में हमला करने वाले वैरिएंट ने अपनी अधिकतम सीमा हासिल की और टारगेट को पूरी सटीकता के साथ ध्वस्त कर दिया।
ब्रह्मोस एक कम दूरी की रैमजेट, सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है। इसे पनडुब्बी से, पानी के जहाज से, विमान से या जमीन से भी छोड़ा जा सकता है। रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया (NPO Mashinostroeyenia) तथा भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने संयुक्त रूप से इसका विकास किया है। यह रूस की पी-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल की प्रौद्योगिकी पर आधारित है।ब्रह्मोस की विशेषताएं:
यह हवा में ही मार्ग बदल सकती है और चलते फिरते लक्ष्य को भी भेद सकती है।
इसको वर्टिकल या सीधे कैसे भी प्रक्षेपक से दागा जा सकता है।यह मिसाइल तकनीक थलसेना, जलसेना और वायुसेना तीनों के काम आ सकती है।
यह 10 मीटर की ऊँचाई पर उड़ान भर सकती है और रडार की पकड में नहीं आती।रडार ही नहीं किसी भी अन्य मिसाइल पहचान प्रणाली को धोखा देने में सक्षम है। इसको मार गिराना लगभग असम्भव है।
ब्रह्मोस अमरीका की टॉम हॉक से लगभग दुगनी अधिक तेजी से वार कर सकती है, इसकी प्रहार क्षमता भी टॉम हॉक से अधिक है।
आम मिसाइलों के विपरित यह मिसाइल हवा को खींच कर रेमजेट तकनीक से ऊर्जा प्राप्त करती है।
यह मिसाइल 1200 यूनिट ऊर्जा पैदा कर अपने लक्ष्य को तहस नहस कर सकती है।
ब्रह्मोस मिसाइल 200 किलोग्राम वॉरहेड ले जा सकती हैयह मिसाइल मैक 3.5 तक की अधिकतम गति हासिल कर सकती है। यानी 4321 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार। इसमें दो स्टेज का प्रोप्लशन सिस्टम लगा है। पहला सॉलिड और दूसरा लिक्विड। दूसरा स्टेज रैमजेट इंजन (Ramjet Engine) है। इसे सुपरसोनिक गति प्रदान करता है। साथ ही ईंधन की खपत कम करता है।