गुरुग्राम के निजी स्कूलों में कक्षा पचवीं और आठवीं की बोर्ड परीक्षा का विरोध

गुरुग्राम, 13 फरवरी (दिल्ली क्राउन): हरियाणा सरकार ने आठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा को लेकर एक अधिसूचना जारी की है जिसके रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 20 फरवरी है। लेकिन शहर के अधिकतर निजी स्कूल इस घोषणा से असंतुष्ट दिख रहे हैं और इस प्रक्रिया में भाग लेने से इंकार कर रहे हैं। स्कूल संचालकों का कहना है कि वे कोर्ट के आदेशों का इंतजार कर रहे हैं और फैसले के बाद ही निर्णय लेंगे।

हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल्स काउंसिल से जुड़े सभी स्कूलों ने सरकार की इस घोषणा के विरोध में हाइकोर्ट में याचिका डाली है।

काउंसिल से जुड़ी एक स्कूल की प्राचार्या का कहना है कि निजी स्कूल इंटरनेशनल बैकालौरिएट (आइबी) से लेकर केंद्रीय माध्यिमक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और इंडियन सर्टिफिकेट आफ सेकंडरी एजुकेशन (आइसीएसई) से संबद्ध हैं। पाठ्यक्रम अलग हैं और पढ़ाई करवाने का स्कूलों को पैटर्न और समय अलग-अलग है। भाषा में व्याकरण की परीक्षा लेने की बात है, लेकिन जिन विद्यार्थियों ने भाषा के तौर पर फ्रेंच, स्पैनिश और जर्मन ली है उनका क्या होगा। प्रश्नपत्र के स्तर और जांच प्रक्रिया पर भी संदेह है।

सेक्टर 47 एक स्कूल की प्राचार्य धृति मल्होत्रा का कहना है कि बोर्ड में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में अभी आवेदन नहीं कर रहे हैं। शिक्षा नीति में जहां विद्यार्थियों को तनावमुक्त करने की बातें हो रही हैं तो वहीं छोटी कक्षाओं में बोर्ड द्वारा परीक्षा करवाने का निर्णय लिया जा रहा है। ऐसे में विद्यार्थियों में परीक्षा और पढ़ाई के लेकर एक बेवजह डर का माहौल बना रहेगा।

दो वर्षों से महामारी से जूझते, चुनौतियों का सामना करते विद्यार्थियों को स्कूल खुलते ही यह घोषणा मानसिक परेशानी में डाल सकती है। विद्यार्थियों को पहले से तैयार करना होगा। निजी स्कूलों में पाठ्यक्रम से लेकर पढ़ाने के तरीके में इतना फर्क है कि विद्यार्थियों को परेशानी होगी। सीसीई (सतत समग्र मूल्यांकन) प्रणाली में कुछ समय के लिए कक्षा दस का बोर्ड भी खत्म कर दिया गया था तो वहीं अब छोटी कक्षा के विद्यार्थियों पर बोर्ड का भार डाला जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *