अब दिल्ली में महिलाओं को आगे करके नए सिरे से होगा पुरुषों का सशक्तिकरण !

अब दिल्ली में महिलाओं को आगे करके नए सिरे से होगा पुरुषों का सशक्तिकरण !
घुम्मनहेड़ा वार्ड में भी चुनावी सरगर्मी तेज, महिला आरक्षित वार्ड में पत्नियों को पार्षद बनाने के लिए किया जा रहा तैयार !!
पंकज पत्रकार
नई दिल्ली , जनवरी 28 (दिल्ली क्राउन): नगर निगम चुनाव एक बार फिर से दिल्ली में दस्तक दे चुके हैं। वार्डों को रोटेट किया जा चूका है, यानी कि जो वार्ड पहले महिलाओं या अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित थे उन्हें आरक्षण से मुक्त कर दिया गया है, और दुसरे वार्डों को आरक्षित कर दिया गया है।
दिल्ली में तीन निगमों में कुल 272 वार्डों में से 46 वार्ड अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित हैं, जबकि करीब 136 वार्ड महिलाओं के लिए सुरक्षित रखे गए हैं, ताकि सबसे निचले दर्जे की सरकार में औरतों की आवाज बुलंद हो सके।
26 जनवरी को नए वार्डों की घोषणा की गयी। उस से पहले जो चुनावी-कीड़े अपनी-अपनी तैयारी में जुटे थे, अब वो शांत होकर भीषण ठण्ड में रजाई में घुस चुके हैं, और नए-नए कीड़े मानो रजाई से निकल बाहर आ गए हों !
जो वार्ड अब महिलाों के लिए आरक्षित किये गए हैं, उनमें महिलाओं के घर वाले, ज्यादातर पतिदेव, उनके नाम पर टिकट लाने की जुगत में लग गए हैं। आरक्षण का प्रावधान तो महिला सशक्तिकरण के उद्देशय से किया गया था, परन्तु ऐसा प्रतीत होता है कि महिलाों के नाम पर पुरुष अपना सशक्तिकरण करने में लगे हुए हैं !
और लगे भी क्यों ना, राजनीतिक पार्टियां भी तो ऐसे लोगों का चेहरा देख कर ही उनकी पत्नियों को टिकट वितरित करती आयी हैं और इस बार भी करेंगी !
अब तक “घुमन्हेड़ा वार्ड” अनुसूचित जाती के लिए आरक्षित था, लेकिन अब सामान्य महिला के लिए आरक्षित हो गया है, यानि कि अनुसूचित जाती की महिला भी चुनावी मैदान में लड़ सकती है। लेकिन वार्ड की सूरत बदलते ही इस वार्ड के अनुसूचित जाती के लोग मानो चुनावी रण से साइडलाइन से हो गए हों।
घुमन्हेड़ा वार्ड का वर्तमान पार्षद कांगनहेड़ी गाँव से है। कांगनहेड़ी गाव के अनुसूचित जाती के दो शक्श जो पिछले कई महीनो से चुनाव की तैयारी में लगे हुए थे, मानों उनको कह दिया गया हो कि “अब तुम्हारा खेल ख़त्म, अब तुम घर बैठो”।
और दूसरी तरफ, इसी गॉंव के सामान्य जातियों से आने वाले लोग अब अपनी-अपनी पत्नी के लिए भाजपा की टिकट मांगने की जुगत में लगे हुए दिखाई देते हैं। ऐसे लोग अब अचानक सफेदपोश हो गए हैं और हाथ जोड़ कर गली मोहल्लों में ऐसे राम-राम करने लगे हैं मानो उनकी टिकट की फ़रियाद अभी से ही क़ुबूल हो गयी हो !
वहीँ, घुमन्हेड़ा गॉंव में एक शक्श है जिसकी पत्नी की चर्चा अचानक गॉंव में होने लगी है ! यह शस्ख मौजूदा विधायक (आम आदमी पार्टी) का करीबी माना जाता है और ऐसा सुनने में आता है कि इस शक्श ने विधायक को पिछले इलेक्शन (2020) में लाखों रूपया उधार दिया था। अब मानो यह शक्श अपने दिए हुए पैसों का टिकट के रूप में विधायक से ब्याज मांग रहा हो !