मध्य-प्रदेश के नए CM डा. मोहन यादव भाजपा के लिए लम्बी रेस के घोड़ा साबित होंगे
पढ़े लिखे नेता हैं, पिछले 4 दशकों से भाजपा के संगठन व सरकार में सक्रिय रहे हैं
दिल्ली क्राउन ब्यूरो
नई दिल्ली/भोपाल: डा. मोहन यादव (58 वर्ष) मध्य-प्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे। संभवतः 13 दिसंबर को शपथ लेंगे। आम जनता में चौकाने वाला निर्णय है, लेकिन भाजपायिओं की माने तो ऐसा होना पार्टी की परिपाटी रही है। पार्टी में नया नेतृत्व पैदा करने की पालिसी रही है, और इसमें कुछ नया नहीं है।
बड़ी बात यह है कि छत्त्तीसगढ़ व मध्य-प्रदेश में केंद्रीय देंतृत्व द्वारा नया मुख्यमंत्री घोषित करने के बाद कोई बागी स्वर नहीं सुनाई पड़ रहे हैं।
ऐसा माना जा रहा है कि डा यादव को मुख्यमंत्री बना कर 2024 में होने वाले लोक-सभा चुनावों में भाजपा द्वारा ख़ासतौर पर उत्तर-प्रदेश, बिहार व मध्य-प्रदेश में यादव मतदाताओं को रिझाने की एक कोशिश की गई है।
बता दें कि यादव जाती से सम्बन्ध रखने वाले लोग लगभग हर राज्य में मौजूद है, और देशभर में कुल जनसँख्या लगभग 12 करोड़ है।
डा. यादव मध्य प्रदेश में तीसरी बार विधायक चुन कर आये हैं, और 2020 से शिवराज सरकार में शिक्षा मंत्री थे। 2011-2023 के दौरान “मध्य-प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम” के अध्यक्ष रहते हुए राज्य में पर्यटन में खूब बढ़ोतरी की। पर्यटन में बढ़ोतरी के लिए लगातार दो वर्षों में इन्हे राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया।
डा. यादव एक पढ़े लिखे नेता के रूप में देखे जाते हैं। इन्होने छात्र जीवन में BSc, LLB, MA, MBA, अवं PhD जैसी अमूल्य हांसिल की।
2013-2016 में भाजपा के “अखिल भारतीय सांस्कृतिक प्रकोष्ठ” के सह-संयोजक, उज्जैन, के समग्र विकास हेतु अप्रवासी भारतीय संगठन, शिकागो (अमेरिका) द्वारा महात्मा गाँधी पुरस्कार और इस्कॉन इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा सम्मानित हुए।
उज्जैन शहर से आने वाले डा. यादव 1982 से छात्र राजनीति में सक्रिय रहे। कॉलेज के दिनों से भाजपा की छात्र इकाई “अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्” (ABVP) में अनेक पदों पर रहे।
अपनी कुशलता की बदौलत पश्चिम रेलवे बोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य के रूप में भी काम किया।
राजनीति में एक कर्मठ, जुझारू व ईमानदार नेता की छवि लिए डा यादव लम्बी रेस के घोड़ा साबित होंगे।