बढ़ते वायु प्रदुषण से निपटने के लिए दिल्ली में पहली बार करवाई जाएगी कृत्रिम वर्षा

बढ़ते वायु प्रदुषण से निपटने के लिए दिल्ली में पहली बार करवाई जाएगी कृत्रिम वर्षा

बढ़ते वायु प्रदुषण से निपटने के लिए दिल्ली में पहली बार करवाई जाएगी कृत्रिम वर्षा

अनुमति के लिए केजरीवाल सरकार सुप्रीम-कोर्ट में लगाएगी अर्ज़ी

दिल्ली क्राउन ब्यूरो

नई दिल्ली: दिल्ली में बढ़ते वायु-प्रदुषण की रोकथाम के लिए संभवतः इसी महीने राष्ट्रीय राजधानी में पहली बार कृत्रिम वर्षा करवाई जा सकती है। ऐसा करने के लिए कई तरह की अनुमति चाहिए होंगी जिनके लिए केजरीवाल सरकार कल, यानी गुरूवार को, सर्वोच्च न्यायालय में अर्ज़ी लगाएगी जिसकी सुनवाई परसों, यानी शुक्रवार, को होने की संभावना है।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के अनुसार, कृत्रिम वर्षा इसी महीने की 20 या 21 तारीख को करवाई जा सकती है।

आज पत्रकारों को इसकी जानकारी देते हुए, गोपाल राय ने कहा, “अगर सर्वोच्च न्यायालय से सारी अनुमतियाँ मिल गईं, तो इसी महीने की 20-21तारीख को दिल्ली में कृत्रिम वर्षा करवाई जा सकती है। IIT कानपूर के विशेषज्ञों के साथ आज हमारी दूसरी बैठक हुई। पहली बैठक सितम्बर में हुई थी। विशेषज्ञों ने बताया कि कृत्रिम वर्षा कराने के लिए मौसम में नमी की ज़रूरत होती है। विशेषज्ञों के पास मानसून के दौरान कृत्रिम बारिश करवाने के लिए टेक्नोलॉजी तो है, लेकिन हमने उनसे आजकल के मौसम में कृत्रिम वर्षा करवाने की सलाह मांगी है। उनके हिसाब से इस महीने की 20-21तारीख को मौसम में नमी होने की संभावना है और तब ही कृत्रिम वर्षा करवाने का प्रयास किया जा सकता है।”

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली भर में वायु गुणवत्ता “गंभीर” श्रेणी में बनी हुई है। बुधवार सुबह को आनंद विहार में एक्यूआई 452, आरके पुरम में 433, ओखला में 426, पंजाबी बाग में 460, श्री अरबिंदो मार्ग में 382 शादीपुर में 413 और आईटीओ में 413 दर्ज किया गया। कृत्रिम वर्षा के लिए विमानों के जरिए बादलों पर खास तरह के रसायनों का छिड़काव किया जाता है, जिसके बाद वह वर्षा होती है।

कृत्रिम बारिश कराने के लिए मौसम में विशेष परिस्थिति की जरूरत होती है। जैसे पर्याप्त नमी के साथ बादल और हवा दोनों हो। यह तकनीक ठंड और गर्म बादलों दोनों के लिए अलग-अलग होती है।

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