हरियाणा के पूर्व-मंत्री नरबीर सिंह ने बादशाहपुर विधान-सभा से भाजपा की टिकट के लिए ठोकी ताल

हरियाणा के पूर्व-मंत्री नरबीर सिंह ने बादशाहपुर विधान-सभा से भाजपा की टिकट के लिए ठोकी ताल

हरियाणा के पूर्व-मंत्री नरबीर सिंह ने बादशाहपुर विधान-सभा से भाजपा की टिकट के लिए ठोकी ताल

प्रदेश में विधान-सभा चुनाव अगले वर्ष लोक-सभा चुनाव के साथ होने की बड़ी संभावना

दिल्ली क्राउन ब्यूरो

गुरुग्राम: हरियाणा के भाजपा नेता और पूर्व-मंत्री नरबीर सिंह, जिनकी पार्टी ने पिछले साल बादशाहपुर विधानसभा से टिकट काट कर मनीष यादव को मैदान में उतारा था, ने आज (शनिवार, 16 दिसंबर) अपनी टिकट पक्की करने के लिए मशक्कत शुरू कर दी।

पिछले चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार मनीष यादव चुनाव हार गए थे, और निर्दलीय उम्मीदवार राकेश दौलताबाद ने जीत हांसिल की थी।

2014 में नरबीर सिंह ने राकेश दौलताबाद को लगभग 18,000 मतों से मात दी थी, और खट्टर की पहली सरकार में मंत्री बने थे। 2019 में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की “पार्टी-फण्ड” को लेकर नाराज़गी के चलते नरबीर सिंह को टिकट से हाथ धोना पड़ा था। पिछले पांच साल नरबीर सिंह ने घर बैठ कर गुजारे, लेकिन पिछले कुछ महीनों से सोशल मीडिया पर सक्रिय नज़र आ रहे हैं।

शनिवार को गॉव धनकोट में एक जनसभा कर नरबीर सिंह ने यह जताने की कोशिश की कि इस बार भाजपा की टिकट पर उनका हक़ बनता है। नरबीर सिंह ने अपने चिर-परिचित अंदाज़ में लोगों से कहा कि भाजपा से उनकी कोई निजी दुश्मनी नहीं है, और उनको टिकट मिलना लोगों के हाथ में है।

लोगों के ठहाकों के बीच नरबीर सिंह ने कहा – “टिकट देने से पहले पार्टी सर्वे करवावेगी। और सर्वे में जिसका नाम आवेगा उसने मिलेगी टिकट। और अगर आप चाहते हो कि मुझे बादशाहपुर से टिकट मिले, तो मैं आपको एक फ्री का काम बताता हूँ, जिसमे आपका कुछ नहीं लगेगा और मेरा काम बन जाएगा। जहाँ जाओ, जहाँ बैठो, वहां यह कहो कि इस बार नरबीर विधायक बनेगा।”

बातों ही बातों में नरबीर सिंह ने भाजपा के भीतर अपने प्रतिद्वन्द्वी मनीष यादव पर भी कटाक्ष कर डाला। उन्होंने कहा – “अगर विधायक (कैंडिडेट) के पास अपनी पर्सनल वोट ना हो तो पार्टी भी कहाँ तक जोर मारे।”

(नरबीर सिंह गुरुग्राम के गॉव धनकोट में लोगों का अभिवादन स्वीकार करते हुए.)

गौरतलब है कि आज धनकोट में हुई जन-सभा में नरबीर के साथ भाजपा की गुरुग्राम जिले की अध्यक्ष गार्गी कक्कड़ भी मौजूद थी। इसके अलावा पार्टी के कई मोज़िज़ नेता, जैसे की पार्षद और ग्राम-सरपंच, भी मंच पर बैठे देखे गए। नरबीर के आज के सफल प्रोग्राम से राजनितिक गलियारों में कयास लगने शुरू हो गए हैं कि शायद पार्टी ने परोक्ष रूप से उनको टिकट देने का इशारा कर दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि इस विधान-सभा से भाजपा की टिकट की चाह रखने वाले नेताओं, जैसे कि मनीष यादव और जवाहर यादव, को भी जबरदस्त झटका लगा होगा।

2019 में हुए चुनाव में मनीष यादव की हार का जिमीदार नरबीर सिंह को ही माना गया था। यह पता चला था कि पार्टी द्वारा अपनी टिकट काटे जाने के बाद नरबीर सिंह ने अपने वोटरों को दबी आवाज़ में मनीष यादव को वोट ना देने की बात फैला दी थी। आखिरकार मनीष यादव करीब 10,000 मतों से चुनाव हार गए थे।

वह चुनाव राकेश दौलताबाद के लगातार तीसरा चुनाव था। ऐसा माना गया था कि अगर भाजपा नरबीर सिंह को टिकट दे देती तो यक़ीनन वह विजयी होते।

बादशाहपुर विधानसभा में हार से भाजपा को एक बड़ा झटका लगा था, क्यूंकि इस से सटी हुई गुरुग्राम जिले की बाकी तीनों विधान-सभाओं – पटौदी, गुरुग्राम और सोहना – में पार्टी के उम्मीदवार पहली बार चुनाव लड़ते हुए विजयी हुए थे। उस समय यहाँ से पार्टी की हार की बड़ी समीक्षा हुई थी।

बादशाहपुर विधानसभा हरियाणा में सबसे बड़ी विधानसभा है। यहाँ लगभग 4 लाख मतदाता हैं, जिनमे यादवों का आंकड़ा सबसे ऊपर है, और गूजर, जाट, और पंजाबी बिरादरी के लोग भी बड़ी तादाद में हैं।

इस बीच राजनीतिक पंडितों का मानना है कि संभवतः हरियाणा में खट्टर-सरकार की “नाज़ुक हालत” को देखते हुए भाजपा प्रदेश में विधान-सभा चुनाव लोक-सभा चुनावों के साथ करवा सकती है। लोक-सभा चुनाव अगले साल अप्रैल-मई में होने हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *