दिव्या पाहुजा हत्याकांड में गुरुग्राम पुलिस की सामने आई बड़ी लापरवाही
पहली बार होटल में जाने पर नहीं मिली थी पुलिस को कमरे में दिव्या की लाश
दिल्ली क्राउन ब्यूरो
गुरुग्राम: दिव्या पाहुजा हत्याकांड में गुरुग्राम पुलिस का अनप्रोफेशनल रवैया सामने आया है। सूत्रों के अनुसार, मुख्य आरोपी अभिजीत सिंह ने दिव्या पाहुजा की हत्या 2 जनवरी की शाम लगभग 4 बजे ही कर दी थी, और हत्या की जानकारी स्थानीय पुलिस को शाम 8 से 9 बजे के बीच मिल गई थी।
लेकिन, गुरुग्राम के मैन बस-स्टैंड के नज़दीक “होटल सिटी पॉइंट” के एक कमरे में पड़ी दिव्या पाहुजा की लाश गुरुग्राम पुलिस नहीं दिख पाई, और पुलिस होटल की “छानबीन” के बाद खाली हाथ ही लौट गई थी।
दो घंटे बाद, यानी 11 बजे के आसपास, पुलिस दोबारा होटल सिटी पॉइंट पहुंची, लेकिन तब तक मुख्य आरोपी अभिजीत सिंह ने लाश को गुरुग्राम की सीमा से बाहर करवा दिया था, और पुलिस के हाथ कुछ नहीं लग सका।
यहाँ गुरुग्राम पुलिस की नीयत, या काम करने के ढंग, पर बड़े सवाल खड़े होते हैं। क्या सेक्टर-14 के पुलिस-कर्मियों ने जानबूझ कर अभिजीत से सांठगाँठ कर उसकी मदद की थी, या फिर स्थानीय पुलिस-कर्मी अपनी ड्यूटी सही ढंग से निभाने में चूक गए थे ??
मुख्य आरोपी अभिजीत सिंह मूलतः हिसार का रहने वाला है। उसका एक मकान दक्षिणी-दिल्ली के पॉश इलाके “साउथ एक्सटेंशन” में भी बताया जा रहा है। जिस गाडी में अभिजीत ने दिव्या पाहुजा का शव होटल से गायब करवाया वह गाडी BMW बताई जा रही है। लाश को गायब करने के लिए अभिजीत ने होटल के दो कर्मचारियों को करीब दस लाख की मोटी रकम भी दी। मतलब साफ़ है, अभिजीत सिंह एक मालदार, पैसेवाला आदमी है, और दिव्या पाहुजा की हत्या के बाद उसकी लाश को ठिकाने लगाने के लिए पुलिस से “सांठगाँठ” करने में बेहद सक्षम था !
अभिजीत सिंह के रवैय्ये से पता चलता है कि उसने दिव्या पाहुजा का मर्डर पूर्व-नियोजित तरीके से किया। अब सवाल यह है कि जब गुरुग्राम सेक्टर-14 की पुलिस 2जनवरी कि शाम को “होटल सिटी पॉइंट” में पहली बार गई थी तो उसको दिव्या पाहुजा की लाश क्यों नहीं मिल पाई ? क्या उस वक़्त अभिजीत सिंह और स्थानीय पुलिस के बीच पैसों (रिश्वत) का लेनदेन हुआ था ??
इस बड़े सवाल का जवाब देते हुए DCP (क्राइम) विजय प्रताप ने पत्रकारों को बताया कि अभिजीत सिंह “होटल सिटी पॉइंट” का असली मालिक है और उसने होटल अन्य किसी को लीज पर दिया हुआ है। DCP ने आगे बताया, “होटल के अंदर कमरा नंबर 114 एक्सक्लुसिवली अभिजीत सिंह के लिए बुक रहता है। दिव्या पाहुजा के नाम से कमरा नंबर 111 बुक करवाया गया था। जब पुलिस पहली बार होटल पहुंची तो सिर्फ कमरा नंबर 114 की तलाशी लेकर वापिस आ गई। कुछ घंटों के बाद दुबारा जाने पर कमरा नंबर 111 खुलवाया गया तो वहां खून के छींटें देखी गईं और तब मौके से अभिजीत सिंह को हिरासत में लिया गया।”
हिरासत में लिए जाने के बाद अभिजीत सिंह पुलिस को बरगलाता रहा, जिससे कि दिव्या पाहुजा का शव ले जा रही BMW गाडी गुरुग्राम से दूर निकल जाए और स्थानीय पुलिस की पकड़ से बाहर हो जाए।
खबर लिखते वक़्त ताज़ा जानकारी के अनुसार, जिस BMW कार में दिव्या पाहुजा की लाश को ठिकाने लगाया गया था वह कार पंजाब के पटियाला शहर में लावारिश हालत में मिली थी। उसका लॉक खोला गया, लेकिन उसमे लाश बरामद नहीं हुई। लाश को ठिकाने लगाने वाले लोगों की गिरफ्तारी और दिव्या के शव को बरामद करने में गुरुग्राम पुलिस प्रयारत है।