दिल्ली दंगा मामले में पहली सजा: दिनेश यादव को पांच साल की जेल

एक महिला के घर में तोड़ फोड़ करने वाले दंगाइयों में था शामिल

नई दिल्ली, 20 जनवरी (दिल्ली क्राउन): वर्ष 2020 में पूर्वोत्तर दिल्ली में हुए दंगो में शामिल रहे 25 वर्षीय दिनेश यादव को गुरुवार को गोकलपुरी में एक 73 वर्षीय महिला के घर में आग लगाने के आरोप में दिल्ली हाई कोर्ट ने पांच साल की कैद की सजा सुनाई।

दंगे में 53 लोगों की जान चली गई थी और कम से कम 400 लोग घायल हो गए थे।अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट ने यादव उर्फ माइकल को एक गैरकानूनी सभा का हिस्सा होने, एक घातक हथियार का उपयोग करके सशस्त्र दंगा करने, एक घर में प्रवेश करने, डकैती करने और एक घर को नष्ट करने के इरादे से आग या विस्फोटक पदार्थ का उपयोग करने में दोषी पाए जाने पर सजा सुनाई है।

6 दिसंबर, 2021 को अदालत ने यादव को मामले में दोषी ठहराया था और तब से सजा लंबित थी।यादव को जून 2020 में गिरफ्तार किया गया था और मामले में आरोप 1 अगस्त, 2021 को तय किए गए थे। मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष के कुल 12 गवाहों से पूछताछ की गई थी।अभियोजन पक्ष के अनुसार, यादव “दंगाइयों की भीड़ का सक्रिय सदस्य” था और उसने 25 फरवरी, 2020 को मनोरी नाम की एक 73 वर्षीय महिला के घर में तोड़फोड़ और आग लगाने में सक्रिय भाग लिया था। महिला, जो मामले में शिकायतकर्ता थी, ने आरोप लगाया था कि जब उसका परिवार मौजूद नहीं था तो लगभग 150-200 दंगाइयों की भीड़ ने उसके घर पर हमला किया और एक भैंस सहित उनका सारा सामान लूट लिया था।

आरोपी को दोषी ठहराते हुए, न्यायाधीश ने कहा था कि भीड़ के बीच यादव लकड़ी का डंडा लिए खड़ा था, जिससे संकेत मिलता है कि वह भी इस दंगे में शामिल था।

इससे पहले, पिछले साल 17 दिसंबर को, अदालत ने कलीम अहमद को इस दंगा के लिए पहला दोषी ठहराया था। क्योंकि कलीम ने शाहरुख पठान, जिस पर दंगा करने का आरोप था उसे आश्रय दिया था। चुकी दोषी का अपराध केवल दंगाकर्ता को आश्रय देना था और वह पहले पुलिस की कस्टडी में अपनी सजा की अवधी काट चुका था इसलिए अदालत ने उसे रिहा कर दिया था।

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