बैंक लोन की अदायगी को लेकर दोस्त ने की दोस्त की हत्या
शव को द्वारका इलाके में फेक दिया
नई दिल्ली, 19 फरवरी (दिल्ली क्राउन): दिल्ली में 1.5 करोड़ रुपये के बैंक लोन की अदायगी को लेकर दो करीबी दोस्तों के बीच विवाद के कारण एक दोस्त ने दूसरे की हत्या कर दी। आरोपी अभी भी फरार है। द्वारका डीसीपी शंकर चौधरी ने बताया कि हत्या 17-18 फरवरी की दरम्यान रात की है।
मृतक की पहचान पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक हौज काजी, (सीताराम बाजार) निवासी प्रकाश अग्रवाल (45) के रूप में हुई है। मृतक के दोस्त और मुख्य आरोपी की पहचान कमल शर्मा के रूप में हुई है। दोनो दोस्तो ने संयुक्त रूप से एक संपत्ति पर लगभग 1.5 करोड़ रुपये का ऋण लिया था, जो अकेले अग्रवाल के स्वामित्व में थी। दोनों को ऋण राशि में आधा-आधा हिस्सा मिला था और उन्हें अपने-अपने हिस्से चुकाने थे।
डीसीपी चौधरी के अनुसार शर्मा ने कथित तौर पर अग्रवाल को कई बार गोली मारी और फिर उसके साथी विशाल की मदद से उसके शव को द्वारका इलाके में फेंक दिया। अग्रवाल का शव द्वारका सेक्टर-23 के ग्राम पोचनपुर के डीडीए पार्क के पास मिला था।
हत्या की जांच द्वारका एसीपी (ऑपरेशंस) विजय सिंह यादव के नेतृत्व में हुई। टीम में इंस्पेक्टर नवीन कुमार यादव समेत अन्य शामिल थे।डीसीपी चौधरी के अनुसार पहले अग्रवाल और शर्मा दोनों ही करीबी दोस्त थे। उन्होंने संयुक्त रूप से एक संपत्ति पर लगभग 1.5 करोड़ रुपये का ऋण लिया था, जो अकेले अग्रवाल के स्वामित्व में थी। दोनों को ऋण राशि में आधा-आधा हिस्सा मिला था और उन्हें अपने-अपने हिस्से चुकाने थे।
लेकिन बाद में प्रकाश ने कर्ज की किश्तें देना बंद कर दी और कमल को भुगतान में योगदान करने को कहा। इसके चलते विवाद हो गया। कमल ने प्रकाश को मारने का फैसला किया ताकि वह ऋण राशि को चुकाने से बच सके और इसलिए उसने प्रकाश को 17 फरवरी को द्वारका के पास पालम इलाके में मिलने के लिए बुलाया और सही मौका मिलने पर उसने प्रकाश को गोली मार दी। और अपने नौकर-सह-साथी विशाल की मदद से उसकी ही फोर्ड फिगो कार में शव को फेंक दिया। विशाल को गिरफ्तार कर लिया गया है और शर्मा की तलाश की जा रही है। पुलिस ने बताया कि वह तीन दिनों से अधिक समय से फरार है।
विशाल (19) द्वारका के पास पालम का रहने वाला है।
डीसीपी चौधरी ने बताया कि 17 फरवरी की रात जब प्रकाश अग्रवाल अपने घर नहीं पहुंचा तो उसकी पत्नी कनिका अग्रवाल उसके मोबाइल फोन की गूगल हिस्ट्री की मदद से उसे ढूंढती हुई आई। वह उसी स्थान पर पहुंची जहां द्वारका जिला पुलिस को उसके पति का शव मिला था। पुलिस ने बताया कि बाद में उसने शव की पहचान की।