दिल्ली सरकार ने 10 साल पुराने डीजल वाहनों का पंजीकरण रद्द किया
जल्द ही पेट्रोल वाहनों का पंजीकरण भी रद्द होगा
नई दिल्ली, 3 जनवरी (दिल्ली क्राउन): राजधानी दिल्ली में सरकार ने नए साल पर 1,01,247 डीज़ल गाड़ियों का पंजीकरण रद्द कर दिया। इसमें 87,000 कारें, बस, ट्रक और ट्रैक्टर शामिल हैं। इनका पंजीकरण साल 2006-2011 के बीच हुआ था। सरकार जल्द ही लगभग 43 लाख पेट्रोल वाहनों का पंजीकरण भी रद्द करने वाली है, जिनकी उम्र 15 होने वाली है। इनमें लगभग 11 लाख कार और 32 लाख दोपहिया वाहन शामिल हैं। इस फैसले को लेकर सरकार की तरफ से 14 दिसंबर को आदेश जारी किया गया था कि सारी डीजल गाड़ियां जो दस साल पुरानी हैं उनका पंजीकरण रद्द कर देगी। दिल्ली सरकार ने यह निर्णय NGT और सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार लिया है।
सरकार ने जारी नोटिस में यह भी बताया था कि लोगों के पास ऐसी गाड़ियों को लेकर अन्य विकल्प भी हैं। जैसे ऐसी गाड़ियों वाले लोग NOC के लिए दुबारा आवेदन कर सकते हैं। NOC के बाद दिल्ली से बाहर अन्य राज्य में पंजीकृत करवा सकते हैं और गाडियों को ई -वेहिकल में कन्वर्ट कर उसे अन्य राज्य में चला सकते हैं। गाड़ियों को स्क्रैप में देने का ऑप्शन भी चुन सकते हैं।
सरकार ने चेतावनी देते हुए बताया है कि 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों का पंजीकरण रद्द हो जाने के बाद ऐसी गाड़ियों को सड़क पर लेकर न निकलें, नहीं तो पकड़े जाने पर जुर्माना देना पड़ सकता है। सड़कों पर और पार्किंग में न खड़ी करें, लेकिन लोगों के पास स्क्रैप में बेचने का ऑप्शन खुला है।
लिहाजा मालिक अपने पुराने डीजल वाहनों के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) प्राप्त करने के लिए परिवहन विभाग से संपर्क कर सकते हैं। हालांकि इसका मतलब यह है कि वह उक्त वाहन को अपने पास लोग रख सकते हैं। और चला भी सकते हैं लेकिन, यह प्रक्रिया अपने आप में बहुत परेशानी देने वाली सिद्ध हो सकती है, क्योंकि इसमें खास बात यह है कि डीजल वाहन पर्यावरण को प्रदूषित न करें लोगों को यह सुनिश्चित करने के लिए गाड़ियों में कुछ तंत्र स्थापित करवाने होंगे और इसके लिए प्रमाण पत्र प्राप्त करने में एक उच्च लागत भी शामिल हो सकती है। जो कि लोगों के लिए बोझिल है और आर्थिक तौर पर महंगी पड़ सकती है।