अब पुजारियों के वेतन को लेकर छिड़ी सियासी जंग

भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुकजारियों के वेतन की मांग को लेकर सीएम आवास पर किया प्रदर्शन
नई दिल्ली, (14 दिसम्बर): राजधानी दिल्ली में पुजारियों के वेतन की मांग को लेकर भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने “आप” कार्यालय पर जमकर प्रदर्शन किया। लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पंजाब दौरे पर हैं। प्रदर्शनकारियों की मांग है की दिल्ली मे एक हजार से ज्यादा मंदिरों मे पुजारी बिना वेतन काम कर रहे हैं, उन्हें दिल्ली सरकार वेतन दे।
प्रदर्शन दक्षिणी दिल्ली के संसद रमेश विधूड़ी के नेतृत्व में की गई और इसका आयोजन महरौली के जिलाध्यक्ष जगमोहन म्हलावत ने किया था। इस प्रदर्शन के मुख्य अतिथि के तौर पर भाजपा मंदिर प्रकोष्ठ के अध्यक्ष व संयोजक करनैल सिंह को आमंत्रित किया गया। इसके अलावा इस प्रदर्शन में भाजपा के प्रवक्ता विक्रम विधूड़ी शहर के संत और मंदिरों के पुजारी भी शामिल थे। भाजपा सांसद रमेश विधूड़ी ने बताया की मुख्यमंत्री अरविन्द केजरिवाल उत्तराखंड, गोआ, पंजाब, मे 300 यूनिट बिजली मुफ़्त मे बांटने की घोषणा कर रहे हैं लेकिन दिल्ली के मंदिरों मे कॉमर्शियल रेट पर बिजली बिल वसूल रहे हैं जिससे मंदिरों के पुजारी परेशान हैं।
विधूड़ी ने कहा की मंदिर के पुजारी दिन रात अपना समय मंदिर की प्रांगण की सेवा में देते हैं इसलिए उनका भी कोई वेतन सुनिश्चित किया जाना चाहिए, जिससे उनका न्यूनतम खर्च निकल सके। दिल्ली मंदिर प्रकोष्ठ के अध्यक्ष व संयोजक करनैल सिंह ने कहा की मुख्यमंत्री अरविन्द केजरिवाल चुनाव के दौरान कनॉट प्लेस के हनुमान जी का आशीर्वाद लेने पहुँच गए लेकिन वहाँ उन्हें मंदिर की सफाई और पुजारियों की हालत नहीं दिखी। उन्होंने बताया की दिल्ली सरकार ही दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड 269 के तहत इमाम को 18 हजार रुपये महीने का वेतन देती है लेकिन उन्हें मंदिरों के पुजारीयों की दैनिय हालत नहीं दिखती।
प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने सीएम आवास के सामने बैरिकेड लगा दिए थे। लेकिन बैरीकैडे को तोड़ते हुए प्रदर्शनकारि आगे बढ़ेते गए व सांसद रमेश विधूड़ी को बैरिकैड के आगे कर दिया।
आगामी दिल्ली नागर निगम चुनाव को लेकर भी सियासी जंग चल रही है। भाजपा, काँग्रेस और “आप” एक दूसरे पर किसी न किसी मुद्दे को लेकर लगातार पलटवार कर रहे हैं। कुछ दिन पहले ही पंजाब काँग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिधू ने अतिथि शिक्षकों के साथ “आप” कार्यालय पर प्रदर्शन किया था। अतिथि शिक्षक को स्थायी बनाना और पुजारियों के वेतन की मांग तो केवल एक राजनीति जुमला है, असलियत तो चुनाव मे अपनी पैठ ज़माना है। जनता के सरोकार की बात में सब अपनी सत्ता की रोटी सेक रहे हैं।